महाशय मैं भी मानता हुँ की व्हाट्सएप फेसबुक से बेहतर विकल्प कुछ नहीं हो सकता। लेकिन इस विभाग को समाज के कुछ विशेष लोगो के आग्रह पर बनाया गया है। जो चाहते थे कि एक ऐसी व्यवस्था हो जिसमें हर विषय पर अलग-अलग बातचित या वाद-विवाद हो सके और उसे व्हाट्सएप के 256 लोगों के वजाय पूरा समाज देख सके या उस पर अपना विचार दे सके। अपने पसंद के विषय के क्षेत्र में जा सके और उस वाद-विवाद को आप सुरक्षित रखा जा सके और इन जानकारियों का लाभ लिया जा सके। समाज के उन विशेष लोगों को लगता है कि व्हाट्सएप फेसबुक में इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है।