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सावन का महीना

Snehlata Agrawal (Ruhi)   July 7, 2020 2:49 pm
यह कविता “नारनौलिय अग्रवाल समाज के एक व्यक्ति के द्वारा रचित है।”

सावन का महीना आया है , क्या
शंभु तीसरा नेत्र अब खोलेंगे ।
सीमा पर चीन जो आकर बैठा है
भस्म उसे अब कर देंगे ।।

नापाक पाक की गर्दन मरोड़
पटखनी उसे हम दे देंगे ।
इमरान जीनपिंग की जोड़ी को
अब नहीं हम छोड़ेंगे ।।

करके धुआंधार प्रहार अब
कमर भी उसकी तोड़ेंगे ।
दक्षिण चीन सागर में भी
सब मिलकर उसको घेरेंगे ।।

करके मटियामेट उसे
कोरोना का भी बदला ले लेंगे ।
उसके पापों का घड़ा जल्दी हीं
हम सब मिलकर फोड़ेंगे ।।

राफेल , सुखोई , मिराज , मिग
से हम उसको दहला देंगे ।
रक्त पिपासु बना है वह जो
उसे हीं हम रक्त से नहला देंगे ।।

आस्ट्रेलिया ,जापान , कोरिया अमेरिका
सब अपनी अपनी मिसाइलें छोड़ेंगे ।
अभिमान के मद में चूर चीन को
अभिमान उसका हम तोड़ेंगे ।।

पहले जो जो भूमि दबाई है उसने
उन सभी भूमि को उससे लेना है ।
अकड़ जो उसकी बनी हुई है
उस अकड़ को भी तोड़ देना है ।।

मां भारती के सन्तान सभी
चीन को उत्तर देने को तत्पर हैं ।
उसके उत्पादों का बहिष्कार कर
उसके अक्ल ठिकाने लगाने को
आतुर है ।।

इस छोटे आंखों वाले चीन को
हम ऐसा सबक सिखाएंगे ।
हम अपने पराक्रम की महिमा
पीट पीट कर उसे समझाएंगे ।।

 जय प्रकाश अग्रवाल
              बलांगीर

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